एक बार की बात है, एक शहर में दो दोस्त रहते थे, वे दोनों एक दिन समुद्र तट पर शंख इकट्ठा करने गए ताकि, वे उस शंख को बेचकर पैसे कमा सकें, जब वे दोनों शंख इकट्ठा कर रहे थे तो उनमें से एक को एक बहुत बड़ा शंख मिला, यह देखकर दूसरे दोस्त के दिमाग में आया। अरे वाह! उसे एक बड़ा शंख मिला है अब वह ज्यादा पैसे कमाएगा फिर उसने सोचा “मैं भी बड़ा शंख खोजूंगा” ताकि, मैं भी ज्यादा पैसे कमा सकूं इसलिए अब उसने बड़े शंख की तलाश शुरू कर दी उसने बहुत खोजा, कड़ी मेहनत की फिर भी उसे बड़ा शंख नहीं मिला
और बड़े शंख की खोज में उसे जितने भी छोटे शंख मिले उसने सारे शंख फेंक दिए क्योंकि उसके मन में वह बड़ा शंख था कि मुझे किसी भी हालत में वह बड़ा शंख चाहिए ताकि मैं अधिक धन कमा सकूं इसलिए वह बड़े शंख की खोज में दोपहर से शाम हो गई, शाम से रात हो गई इस प्रकार न तो उसे बड़ा शंख मिला बल्कि उसने जो छोटे शंख मिले थे उन्हें भी फेंक दिया।
तो उसके हाथ में कुछ भी नहीं आया और उस पहले मित्र के पास एक बड़ा शंख था और कुछ छोटे शंख थे तो रात हो गई और दोनों मित्र घर जाने लगे तो घर के रास्ते में, जो पहला मित्र था उसने अपने शंख बेच दिए तो जिसके पास बड़ा शंख था उसे एक हजार रुपये मिले। और उसके पास जो छोटे शंख थे, उससे उसे तीन हजार रुपये मिले और यह जानकर दूसरे मित्र को बहुत दुख हुआ।
मैं उन छोटे शंखों को नहीं फेंकना चाहता था, इसलिए अब मैं उससे अधिक कमाऊंगा उसके दोस्त ने उससे कहा कि तुमने जो छोटे शंख फेंके थे मैंने उन शंखों को इकट्ठा किया और उसकी वजह से मुझे 3 हजार रुपये मिले और यह जानने के बाद, दूसरा दोस्त और भी निराश हो जाता है
इस कहानी को बताने का मेरा उद्देश्य बहुत स्पष्ट है कि हम बड़ी चीजों के बीच में कई छोटी चीजों या यह कहें कि कई छोटे अवसरों को खो देते हैं हम अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में कई छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन आपको यह बात जाननी चाहिए कि ये छोटी चीजें बाद में एक बड़ा रूप ले लेती हैं।
इसलिए, हर छोटी चीज पर ध्यान दें, उन्हें अनदेखा न करें। आगे जाकर आपको इसकी कीमत पता चल जाएगी। मैं ये नहीं कह रहा कि आप छोटा सोचें और छोटा करें। मेरे कहने का मतलब है कि आपको बड़ा सोचना होगा लेकिन उसके लिए हर छोटा काम करें, तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।
दोनों दोस्तों का एक ही लक्ष्य था और वो था पैसा लेकिन पहले दोस्त ने बड़े और छोटे दोनों पर ध्यान दिया और दूसरे दोस्त ने केवल बड़े पर ध्यान दिया और छोटे को नजरअंदाज कर दिया और जहां उसे ज्यादा पैसा कमाना चाहिए था वहां उसे एक रुपया भी नहीं मिला।
अंत में मैं यही कहना चाहता हूँ कि छोटे-छोटे बदलाव ही बड़ी सफलता का मुख्य हिस्सा होते हैं।